रामजन्मभूमि न्यास के सदस्यों के मनोनयन की सूची को लेकर संतों और विद्वज्जनों में निराशा छाई हुई है। सनातन धर्म और ब्राह्मण एकता के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े संत केशव कृपाल महाराज ने कहा कि ट्रस्ट का यह प्रारूप सनातन धर्म की आधारभूत मर्यादा से मेल नहीं खाता। चारों पीठ के शंकरचार्यों और रामजन्मभूमि की निर्णायक लड़ाई लड़ने वाली विश्वहिंदू परिषद को शून्य कर दिया गया है। विशेषरूप से पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज का नाम न होने से विश्व के सनातन धर्मानुरागी चकित हैं। आज हमने महाराज जी के सचिव से संपर्क कर विषयगत वार्तालाप किया है। इस विषय पर ट्वीटर के माध्यम से पीएम मोदी और अमित शाह को भी अपनी आपत्ति भेजी है। एक उल्लेख में कहा कि रामजन्मभूमि मंदिर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्याग और इच्छाशक्ति का ही परिणाम कहा जायेगा। किन्तु उनके इस अभिमत से हमे आपत्ति है कि ओबीसी क्लास को भी ट्रस्ट में स्थान दिया जाय। भगवान राम के चरित्र में जातिपात का स्थान ही नहीं है। समस्त जीवों के साहचर्य का नाम ही राम है। अपने कहा ट्रस्ट तो छोटी चीज है, अयोध्या के आधे संत ओबीसी निकलेंगे जिनसे ब्राह्मण सहर्ष दीक्षा लेकर शिष्य बनते रहे हैं। महाराज ने कहा कि तथापि मैं व्यक्तिगत रूपसे स्वयं कल्याण सिंह जी को ट्रस्ट में विशेष स्थान पर देखना चाहता हूँ।