*पुलिस के जांबाजो ने गरीब बेटीकी शादी और बिदाई का जिम्मेदारी परिवार के तरह निभाया जो मिशाल बनाहै। लॉकडाउन में गरीब पिता का रोजगार छिना तो पुलिस के जाबांजो ने सम्‍भाला बेटी की शादी का जिम्मेदारी* भगवन्त यादवसंबाददाता कुशीनगर लॉकडाउन में वर्दी वालों को अलग ही चेहरा सामने आ रहा है। गरीबों की भूख मिटाने के बाद कप्तानगंज में जांबाज पुलिस के जवानों ने मिलकर एक गरीब बिटिया के हाथ पीले कराए हैं। बेटी का बुजुर्ग पिता लॉकडाउन में रोजगार छिन जाने के बाद शादी के खर्च का इंतजाम नहीं कर पा रहा था। वर्दी वालों ने केवल शादी के लिए जरूरी सामानों की इंतजाम किया बल्कि खुद खड़े होकर गिने चुने मेहमानों का स्वागत भी किया। शादी के बाद सभी ने बिटिया को आशीर्वाद के साथ उपहार दिया।कप्तान गंज चीनी मिल के पास झझवा टोले पर वृद्ध सुरेंद्र गोंड़ गरीब झोपड़ी में रहते हैं। लॉकडाउन से पहले स्टेशन परिसर में लिट्टी चोखा बेचकर परिवार का गुजारा करते थे। लॉकडाउन में ट्रेनों का पहिया थमने के साथ उनका रोजगार भी छिन गया। लॉकडाउन से काफी पहले उन्होंने बड़ी बेटी ज्योति की शादी तय की थी। दोनों परिवारों ने शादी की तिथि 28 मई तय की थी। तिथि नजदीक आने लगी तो बुजुर्ग की चिंता बढ़ने लगी। लड़के वाले शादी टालने को राजी न थे। बड़ी मेहनत के बाद रिश्ता मिला था, सुरेन्द्र इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहता था। हालत यह थी कि इस समय खुद के खाने का इंतजाम मुश्किल से हो रहा था, ऐसे में बारात का स्वागत सत्कार और विदाई के सामान का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। संयोग ही था कि कुछ दिन पूर्व चिंता में खोए सुरेंद्र पर सुबह टहलने के दौरान प्लेटफार्म पर आरपीएफ प्रभारी मुकेश कुमार सिंह की नजर पड़ गई। उन्होंने उससे हाल-चाल पूछ लिया। इंस्पेक्टर के काफी पूछने के बाद संकोच करते हुए सुरेंद्र ने अपनी परेशानी बताई। सुरेंद्र की समस्या सुनने के बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर ने पूरे स्टाफ को जुटाकर मानवीय रूप से थोड़ा-थोड़ा मदद करने की अपील की। आरपीएफ कप्तानगंज के सभी स्टाफ ने इच्छा अनुरूप मदद की। आरपीएफ इंस्पेक्टर यहीं नहीं रुके और उन्होंने एसडीएम अरविंद कुमार को निर्धन सुरेंद्र की कहानी बताई। जिसके बाद एसडीएम ने एसओ ज्ञानेंद्र कुमार राय समेत समाज के कुछ अच्छे लोगों से मदद करने की अपील की। अपील का नतीजा यह रहा कि आभूषण, वस्त्र, फल, मिठाई, खाद्य सामग्री, पानी, सब्जी के साथ-साथ सैनिटाइजर और मास्क भी नवदंपति को गिफ्ट में मिल गया। परिजनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गुरुवार को दिन में ही ज्योति का कन्यादान कर दिया। बारात में आए कुल 12 लोगों का स्वागत सत्कार भी खुद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने किया। दोपहर बाद बिटिया की विदाई गयी। इस नेक काम में प्रशासनिक लोगों के साथ कप्तानगंज के दीपक सिंधी, सद्दाम, राजेश वर्मा, मणिचंद उर्फ दानचंद वर्मा, संजय यादव का विशेष योगदान रहा। ज्योति को पति राजेश के साथ विदा करने से पहले जब एसडीएम, एसओ, आरपीएफ इंस्पेक्टर ने उन्हें उपहार व आशीर्वाद दिया तो सुरेंद्र के आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे