जंघई जौनपुर उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी "मिशन शक्ति" योजना का प्रथम चरण जो शारदीय नवरात्र में बालिका सुरक्षा प्रशिक्षण अभियान के तहत दिनांक 17-10-2020 से 25-10-2020 तक आयोजन के क्रम में नागरिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंघई जौनपुर में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सफलतापूर्वक चल रहे इस कार्यक्रम के प्रथम चरण के अन्तिम दिन जिसमें महिला सुरक्षा, सम्मान, एवं स्वावलंबन से सम्बन्धित जानकारी एवं प्रशिक्षण विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया । मिशन शक्ति के प्रति इस कार्यक्रम से जुड़ी बालिकाओं एवं आभिभावकों के विचार सराहनीय रहे साथ ही संक्रमण काल में बच्चों को अध्ययन हेतु किस प्रकार से महाविद्यालय भेजा जाए इस पर भी कुछ अभिभावकों ने चिंता जाहिर की । जिनपर महाविद्यालय के प्राध्यापक भी अपने कुछ सुझाव रखे । आज दिनांक 25-10-2020 को बालिका सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा.अरविंद राय, प्राध्यापक प्राचीन इतिहास, ने बालिकाओं को बताया कि हमारी एतिहासिक परम्परा में महिलाओं के अधिकार एवं सम्मान किस प्रकार से कम होते गए और आज उक्त मूल्यों की रक्षा के लिए मानव समाज को मिशन शक्ति की आवश्यकता पड़ी और यह बालिकाओं के लिए आज कैसे उपयोगी होगा । डा.गंगेश दीक्षित प्राध्यापक हिन्दी, ने मिशन शक्ति के दीर्घकालिक एवं व्यापक उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह मिशन केवल बालिका सुरक्षा ही नहीं उनकी सर्वांगीण विकास का कार्यक्रम है जो प्रशासनिक माध्यम से भी सरकार द्वारा चलाया जा रहा है और इस मिशन की सार्थकता के लिए हम सभी को मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है । डा. देवेंद्र नारायण पाण्डेय प्राध्यापक भूगोल, ने उच्च शिक्षा एवं इससे सम्बन्धित अतिरिक्त क्रियाकलाप को बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु आवश्यक बताया । साथ ही आभिभावकों को बच्चियों के सुरक्षा एवं सम्मान के प्रति और अधिक जागरूक व समर्पित होने की आवश्यकता है । अभियान से जुड़े महाविद्यालय के छात्र भी बालिका सुरक्षा के लिए शपथ ली और इस अभियान को सफल बनाने हेतु प्रतिबद्धता जताई। श्री बृजेश कुमार यादव प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा, बालिका जागरूकता कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि बच्चियों को व्यक्तिगत रूप से अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहना है साथ ही आत्म सुरक्षा के कौशलों जो उन्हें मार्शल आर्ट के माध्यम से बताये गये हैं उनका अभ्यास करते रहना है । अपने स्वास्थ्य एवं पोषण पर ध्यान देने के साथ ही अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें जिससे एक स्वस्थ्य सामाजिक वातावरण बन सके ।