जौनपुर-जिसका यकीन अल्लाह उनके रसूल और कुरान पर ना हो ऐसा व्यक्ति मुसलमान हो ही नहीं सकता।

वसीम रिजवी इस्लाम विरोधी ताकतों का मोहरा है, शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए उसने तमाम भ्रष्टाचार किया है जिस की सीबीआई जांच चल रही है अपने को जेल जाने से बचाने के लिए और तमाम आरोपों से बरी होने के लिए वह इस्लाम v मुस्लिम विरोधी चरमपंथी संगठनों की भाषा बोल रहा है जिसका उसे वरदहस्त प्राप्त है ऐसे लोगों का इस्लाम से कुरान से कोई वास्ता नहीं है जिसका कुरान पर विश्वास ना हो वह मुसलमान और इस्लाम से खुद-ब-खुद खारिज हो चुका है।

उक्त बातें मुस्लिम यूथ आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सद्भावना मंच के अध्यक्ष सपा एवं व्यापारी नेता आरिफ हबीब ने कही है।

श्री हबीब ने कहा कि कुरान की 26 आयतों को कुरान से निकालने के लिए जनहित याचिका जारी करना वसीम रिजवी के मानसिक दिवालियापन का सुबूत है।

 मैं आग्रह करूंगा सम्मानित न्यायालय से कि ऐसी किसी भी जनहित याचिका को स्वीकार न किया जाए जिससे एक धर्म और संप्रदाय की भावना आहत होती हो यह हमारे ईमान से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए उस पर मुकदमा कायम किया जाए उसे जेल भेजा जाए।

श्री हबीब ने कहा कि वसीम रिजवी को शिया समुदाय ने भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है इसलिए उसका इस्लाम मुसलमान व शिया समुदाय से भी कोई लेना देना नहीं है।

 हम जौनपुर के तमाम अमन पसंद इस्लाम के मानने वाले मुसलमानों की तरफ से सरकार से भी आग्रह करते हैं कि वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा जाए,और तमाम समाजसेवी संगठनों राजनीतिक पार्टियों व उलेमा ए दीन से गुजारिश करता हूं कि वसीम रिज़वी के इस बयान की व जनहित याचिका की कड़ी निंदा करते हुए एकजुट होकर इसका विरोध करें।