गाय, गंगा, गीता से हमारे देश की पहचान- अन्नपूर्णा माता


जंघई।श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन जनकल्याण हेतु असवां जंघई गाँव में पंडित बद्री प्रसाद मिश्रा के निवास पर आयोजित हो रही है।जिसमें श्री कृष्ण जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया गया कथा स्थल पर भगवान की झांकी सजायी गई ।कथा वाचिका साध्वी अन्नपूर्णा माता ने पुतना वध, श्रीकृष्ण माखन चोरी लीलाओं का वर्णन किया। प्रवचन दौरान उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के वाचन व श्रवण से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की आराधना ही एक मात्र मार्ग बताया। गाय गंगा गीता पर विस्तार से वर्णन किया आगे कहा किजब बादलों कि गड़गड़ाहट होती हो, बिजली चमकती हो, मूसलाधार वर्षा हो रही हो उस समय श्री कृष्ण का जन्म होता है। जब जीवन में अंधेरा फैला हो चारों ओर निराशा का वातावरण महसूस होता हो आपत्ति की वर्षा टूट पड़ी हो, दुख दैन्य के काले बादल धमकी देते हुए गड़गड़ाहट करते हो तब भगवान श्री कृष्ण जन्म लेते हैं। श्री कृष्ण सभी दृष्टिकोण से पूर्णावतार है। उनके जीवन में कहीं भी न्यूनता को जगह नहीं है। एक भी स्थान ऐसा नहीं है कि जहां कुछ कमी महसूस हो। आध्यात्मिक, सामाजिक, नैतिक या दूसरी किसी भी दृष्टि से देखेंगे तो मालूम होगा कि कृष्ण जैसा समाज सुधारक व उद्धारक दूसरा कोई पैदा ही नहीं हुआ है। श्री कृष्ण अपना जीवन इतना सुन्दर और सुगंधित किया था कि जो कोई उनकी ओर देखता उसे वे अपने ही लगते थे। जो सबको अपनी तरफ खींचता है, आकर्षित करता हो उसी का नाम कृष्ण है। साध्वी माता ने कहा कि हम कृष्ण के जीवन से सिख ले। हमारे मस्तिष्क मे कृष्ण का विचार, ह्वदय में कृष्ण पर प्रेम, मुख में कृष्ण का नाम और हाथ मे कृष्ण का काम ऐसा हम सब का जीवन हो। कथा वाचिका ने भजन गाये तो सभी भक्त भावविभोर होकर आनंद से नाचने लगे।कथा आयोजक कृष्ण कुमार बाबा मिश्रा ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया।कथा में भागवत भगवान की पूजा के यजमान विजय कुमार मिश्रा, विनोद मिश्रा, डाक्टर अशोक मिश्रा, अनिल मिश्रा सहित डाक्टर शैलेंद्र मिश्रा, कैलाश नाथ पांडेय, 

गिरिजा शंकर मिश्रा, विनय कुमार मिश्रा, रामचंद्र पांडेय, डाक्टर सुभाष तिवारी, एडवोकेट कुशलेश दुबे, 

 मदनलाल जायसवाल, मातेश्वर ओझा, कपिल तिवारी, बाबा तिवारी, सुभाष मिश्रा, भोलानाथ तिवारी, संदीप, प्रदीप, राघवेंद्र, वीरेंद्र, आशुतोष, अमित, अभिषेक, अनुराग, शिवेंद्र, सुमित, गौरव, अंशुमान, प्रांजल, प्रत्युश, प्रखर, यश, अभ्दुय, शिवाय, प्रज्ञान, आरव सहित सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद रहे।