जंघई।नागरिक महाविद्यालय जंघई में महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी, व्याख्यान एवं परिचर्चा श्रृंखला के क्रम में बुधवार को समाजशास्त्र विभाग एवं अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 'साहित्य का सामाजिक सरोकार' विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं आलोचक रविनंदन सिंह ने साहित्य एवं समाज के सम्बन्धों की विवेचना ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य के साथ साथ वर्तमान परिदृश्य में की। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का एक ऐसा दर्पण है जो मूक नहीं है, बल्कि बोलता भी है और सजग भी करता है। साहित्य समाज की गतिविधियों को प्रतिबिंबित करता है साथ ही साथ समाज का पथ प्रशस्त करने का भी कार्य करता है । अब साहित्य मूकदर्शक मात्र नहीं है ।श्री सिंह ने साहित्य को समाजोन्मुखी बनाने पर जोर दिया तथा पाश्चात्य साहित्य एवं भारतीय साहित्य के सामाजिक सरोकारों की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत की। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राजीव मालवीय, निवर्तमान प्राचार्य एवं भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार तिवारी, समाजशास्त्र के विभागध्यक्ष रवि कुमार मिश्र, अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष विनोद कुमार पांडेय , प्राचीन इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ रमाकांत, हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ गंगेश दीक्षित, सँस्कृत के विभागाध्यक्ष डॉ पवन कुमार पांडेय, समाजशास्त्र विभाग के डॉ ओमप्रकाश मिश्र, डॉ संजय कुमार पाठक, डॉ चंद्रशेखर पांडेय, अम्बरीश शर्मा, राम प्रसाद यादव, सुनील कुमार कन्नौजिया, दुर्गेश यादव आदि प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे। व्याख्यान में बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने उपस्थिति दर्ज करायी।