जंघई।असवां गांव में बाबा मिश्रा के निवास पर पौत्र रत्न की प्राप्ति पर आयोजित श्री राम कथा में प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया ‘भये प्रकट कृपाल दिन दयाला’ के स्वर गूंज उठे। इसके साथ ही दशरथ नंदन, कौशल्या नंदन रामलला के जयकारों के साथ कथा स्थल झूम उठा। रामकथा के तीसरे दिन साध्वी अन्नपूर्णा माता मैहर ने राम जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने मुनि शतरूपा, जय विजय के साथ नारद चरित्र की कथा भी सुनाई।साध्वी ने कहा की जीवन में विनम्रता होना जरूरी है और जब आप बड़े हो जाते हैं या बड़े लोगों के साथ रहते हैं तो यह और जरूरी है। बड़ा बनाना या ऊंचे पद पर पहुंचना आसान है, लेकिन वहां पर टिके रहना आसान नहीं है। इसके लिए तप चाहिए बड़े आप बने हो तो आप की परीक्षा तो होगी। उन्होंने जीवन में मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिता तो केवल एक अंश देता है, लेकिन मां की भूमिका तो बच्चे के व्यक्तित्व को स्वरूप देती है। मां का स्वभाव उसके संस्कार बच्चे में सबसे ज्यादा आते हैं। नारी का परिचय धैर्य, समर्पण, ममता, वात्सल्य, शील, वीरता, मर्यादा व दोनों कुलों का सम्मान बनाए रखना है यह जीवन में सफल होने का मंत्र है।इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी, विजय शंकर मिश्र, विनोद कुमार मिश्र, डॉ अशोक कुमार मिश्र, अनिल कुमार मिश्र, डॉ शैलेन्द्र मिश्र, संदीप मिश्र, प्रदीप, राघवेन्द्र, वीरेंद्र, आशुतोष, अमित, अभिषेक, अनुराग, शिवेंद्र, सुमित, डॉ गौरव, अंशुमान, प्रांजल, प्रत्युष, प्रखर, यश, अभ्युदय, शिवाय, प्रज्ञान, आरव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।