जंघई।शिक्षक पर्व के अवसर पर नागरिक पीजी कॉलेज जंघई के प्राध्यापकों द्वारा  रचित कृतियों की पुस्तक प्रदर्शनी (अभिव्यक्ति) शिक्षक पर्व के समापन दिवस 9 सितंबर को आयोजित की गई। शिक्षकों की अकादमिक उपलब्धि से विद्यार्थियों को परिचित एवं रचनात्मक और कल्पनाशीलता के प्रति जागरूकता कराने के उद्देश्य से यह प्रदर्शनी आयोजित की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 राजीव मालवीय ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि रचनाकर्म एक गहन प्रतिबद्धता से ही संभव हो सकता है।कृति जब तक रचनाकार के पास होती है तब तक तो रचनाकार की होती है। प्रकाशन के बाद कृति पर पाठकों और समाज का हक हो जाता है प्राचार्य ने अपने लेखन के अनुभवों की भी साझेदारी की। डॉ रवि मिश्र ने इसी क्रम में अपने विचारों को प्रकट करते हुए बताया कि रचनाकार अपनी कृति के मूल्याकंन के प्रति हमेशा ही आश्वस्त नहीं होता है।यह संकट भवभूति के समय भी था, आज भी है। प्रदर्शनी के अवसर पर पुस्तकों को लेकर एक संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में पुस्तक लेखन से संबंधित विविध पक्षों पर प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा का शमन किया।एक विद्यार्थी और शोध छात्र के रूप में लेखन की विशिष्टता क्या है। अकादमिक स्तर पर उन्नयन कैसे हो, शोध में नैतिकता के विविध पहलू क्या हैं, इन सब पर विचार विमर्श किया गया। बृजेश यादव शारीरिक शिक्षा विभाग एवं विनोद कुमार पांडेय अंग्रेजी विभाग ने इस प्रदर्शनी के आयोजन में सक्रिय योगदान किया।इस अवसर पर महाविद्यालय के विविध विभागों से सम्बद्ध प्राध्यापकों की उपस्थिति रही।200 से अधिक छात्र छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कार्यक्रम में सहभागिता की।