जंघई। 16 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस दिन हमे ओजोन लेयर का महत्व समझाया जाता है और बताया जाता है कि यह हमारे वातावरण और मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। नागरिक पीजी कॉलेज जंघई में भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार तिवारी ने ओजोन दिवस के अवसर पर छात्र छात्राओं को बताया कि ओजोन परत सूर्य से आने वाली खतरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है यही कारण है कि इसका संरक्षण काफी अहम माना जाता है।वर्ल्ड ओजोन दिवस पर डॉ प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि ओजोन परत हमारी धरती के लिए एक ढाल की तरह काम करती है और इकोलॉजी से बचाने का काम करती है।ओजोन का रासायनिक नाम ओ थ्री है। यह ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना है इसका रंग हल्का नीला होता है ओजोन गैस एक हानिकारक गैस है यह काफी बदबूदार होता है और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील भी समताप मंडल में ऊपर यह मौजूद होता है।ओजोन अगर पृथ्वी के वायुमंडल के पास होता तो इसका ग्रीनहाउस प्रभाव जीवन के लिए काफी खतरनाक हो जाता ग्लोबल वार्मिंग और अन्य तरह की समस्याएं होती हैं ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक यूवी रेडिएशन या सोलर रेडिएसन के प्रभाव को कम करती है और पृथ्वी तक आने से रोकती है अगर इन रेडिएशन को धरती तक आने से ओजोन परत न रोके तो ये यहां पहुंचकर कई तरह से नुकसान पहुंचाएंगी सनबर्न, त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां फैलने लगेंगी।अगर ओजोन परत न हो तो इंसान और जानवर दोनों का इम्यून सिस्टम खराब हो जाएगा इससे महासागरों में फाइटोप्लांकटन उत्पादकता में भी प्रभाव पड़ेगा ओजोन परत में छेद होने के कारण ओडीएस यानी ओजोन-क्षयकारी पदार्थ है। यह हेलोकार्बन रेफ्रिजरेंट, सॉल्वैंट्स, प्रोपेलेंट और फोम-ब्लोइंग एजेंट से बना हुआ रसायन है क्लोरोफ्लोरोकार्बन एचसीएफसी और हैलोन भी ओडीएस के ही उदाहरण हैं। कार्यक्रम में बृजेश यादव, डॉ देवेन्द्र नारायण पांडेय, डॉ बलराम यादव एवं छात्र छात्राएं मौजूद रहे।