जंघई। चंपापुर खेमपट्टी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का मंगलवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या कथा व्यास नित्यानंद महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। नित्यानंद महाराज ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। उपस्थित लोगों ने संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद उपस्थित भक्तों के बीच आरती प्रसाद वितरण किया गया।इस अवसर पर मुख्य यजमान कैलाशनाथ दुबे, दुर्गावती देवी, राजमनि दुबे, रामखेलावन दुबे, गिरवर मिश्रा, पारसनाथ दुबे, देवीप्रसाद दुबे, लल्लन प्रसाद पांडेय, रंगनाथ उपाध्याय, नन्हे लाल दुबे, राजेंद्र मिश्र, विनय कुमार दुबे, संजय कुमार दुबे, आनंद कुमार दुबे, हिमांशु, निखिल, उज्जवल, श्वेत, आनंद, निहाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।