जंघई।आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में 19 नवंबर को नागरिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंघई में हिन्दी विभाग द्वारा 'विश्व विरासत सप्ताह'  कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम दिवस मनाया  गया। । हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने आज के दिन की महत्ता पर विस्तृत चर्चा   करते  हुए  बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनेस्को को  विश्व के विभिन्न स्थानों को जिसमें वन क्षेत्र, पर्वत, झील, स्मारक/शहर इत्यादि को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने का अधिकार है। जो मुख्यतः चार श्रेणियों - सांस्कृतिक (869), प्राकृतिक (213), मिश्रित (39) तथा अन्य स्थल (138) के रूप में विभक्त है। उन्होंने आगे  बताया कि भारत में वर्तमान में कुल 40 विश्व विरासत स्थल उपर्युक्त श्रेणियों में  सूचीबद्ध हैं। डॉ गंगेश दीक्षित ने विश्व विरासत की महत्ता को बताते हुए कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है  कि अपनी विरासत और संस्कृति  को सुरक्षित रखें। कुलदीप कुमार सोनी ने विश्व विरासत सूची में सूचीबद्ध  अजंता, ताजमहल के विषय बच्चों का ध्यान आकृष्ट किया। विकास यादव ने यूनेस्को संगठन के विषय मे बच्चों को बताया। डॉ ममता यादव द्वारा बताया  गया कि  विरासत हमारी धरोहर हैं। सुनील कुमार ने विश्व विरासत स्थलों का महत्व मानवीय सन्दर्भ में क्यों हैं इस पर अपनी बात रखी।महाविद्यालय‌ के लगभग  एक सौ छात्र एवं सत्तर छात्रायें इस कार्यक्रम मे उपस्थित रहीं।