जंघई। आदर्श गेस्टहाऊस जंघई बाईपास प्रांगण में आयोजित भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए महाराज ने श्रद्धालुओं के बीच भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए चौथे दिवस का वर्णन किया।कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जय जयकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा सुनने के लिए बाजार तथा आसपास गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।इस अवसर पर मुख्य यजमान रामेश्वर प्रसाद ऊमरवैश्य, मीरा देवी, मनोज कुमार, मनीष कुमार, आशीष कुमार, पवन कुमार, कृष्ण कुमार, कामता प्रसाद, राधेश्याम तिवारी, शिवधारी दुबे, रामवृक्ष मिश्रा, मिलन दुबे, सूर्य प्रकाश शुक्ला, राजेश शुक्ला, बच्चन मिश्रा प्रधान, चंद्रमणि तिवारी, पिंटू शर्मा, राजू भाईसाहब, मनोज दुबे, प्रदीप कुमार, महेंद्र जायसवाल, धर्मराज तिवारी, विवेक कुमार जायसवाल, राजन जायसवाल, सुभाष चन्द्र गुप्ता, सचिन सिंह, भरत लाल, शैलेश पाठक, आयुष जायसवाल, कान्हा, किशन, शिवांश, शिवाय, कार्तिक, सावन, शुभ, श्रेयांश, श्याम सहित तमाम लोग मौजूद रहे।