प्रयागराज।भारत जागृति अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं विश्व हिंदू परिषद संरक्षक प्रतापपुर प्रखंड प्रयागराज अशोका नंदन जी महाराज ने बताया कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघी या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार यह शुभ तिथि आज 21 जनवरी दिन शनिवार को है। शनिवार को अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। साथ ही इस दिन प्रयागराज में शाही स्नान भी किया जाएगा। मौनी अमावस्या की तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान, जप-तप, दान-पुण्य के कार्य करने का विशेष महत्व है। इस अमावस्या तिथि को साधु-संतों की तरह चुप रहकर और मन को शांत करके ध्यान करना बहुत उत्तम माना जाता है। पद्म पुराण में बताया गया है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर किए गए जप-तप और दान से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और विशेष धर्म लाभ प्राप्त होता है।


मौनी अमावस्या के दिन पूरे दिन मौन रहा जाता है इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं। जैसे कि इसके नाम से जानकारी मिलती है, मौनी अर्थात मौन रहना। इस दिन व्रत रखने वाले पूरे दिन मौन धारण करके ईश्वर का ध्यान करते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों को करने के लिए मौनी अमावस्या की तिथि बहुत उत्तम मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन मनु ऋषि का भी जन्म हुआ था।


मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या तिथि पर स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य देकर पूजन करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन कंबल, फल, गर्म कपड़े, अन्न आदि का दान करने का विशेष महत्व है। माघ का महीना भगवान विष्णु को अति प्रिय है, इस महीने किए गए जप-तप, दान और पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग कुंभ, नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते, वे घर में गंगा जल मिलाकर सभी तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान कर सकते हैं।

मौनी अमावस्या पर इस बार बेहद शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है। खप्पर योग शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।