प्रतापपुर।क्षेत्र के किसानों द्वारा परिश्रम व लागत से तैयार आलू, सरसों, चना, मटर एवं गेहूँ की फसलों तथा सब्जियों को नीलगायों एवं आवारा पशुओं द्वारा रौदनें, तोड़ने व चबाने के कारण खेतिहर किसान हैरान व परेशान है किसानों की फसलें परिश्रम लागत इन आवारा जानवरों द्वारा चौपट कर दी जा रही है जिससे ग्रामीणों को रात दिन रखवाली करनी पड़ती है इसके बावजूद नीलगाय व खुले पशुओं के झुंड द्वारा फसलों को रौंद दिया जाता है जिससे किसान मायूस एवं दुखी होकर रात दिन अपने खेत की रखवाली कर रहे है।क्षेत्र के पिलखिनी, झारी, जंघई, भुलेन, चौका, पतवां, पतैंया, जलालपुर, नेदुला, रस्तीपुर, बजती, राचनपुर, बघेड़ी, सरजूपट्टी, चंपापुर, चनेथू, महरछा, हरिपुरपट्टी, अनुवां, भेलखा, वारी, बरियावां, सरायममरेज, मड़वा, सिरसा आदि गावों मे नीलगाय का आतंक किसानों के सिर चढ़कर बोल रहा है किसान अपनी लागत परिश्रम अपने आँखों के सामने बर्बाद होता देख दुखी लाचार एवं विवश है।