जंघई।गोपालापुर गांव में पूर्व प्रधान अभयराज मिश्र के निवास पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में तीसरे दिन की कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास रामानुजाचार्य हरिप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को वैभव और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो सच्चे मन से भगवान को याद करता है, भगवान स्वयं प्रकट हो कर उनकी रक्षा करते हैं। 


जैसे भगवान ने प्रहलाद को नरसिंह रूप में प्रकट होकर भयमुक्त किया था। उन्होंने ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र, कपिल चरित्र, भगवान बाराह व नरसिंह अवतार का वर्णन अपने प्रवचन कथा में किए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण भागवत में ही वास करते हैं। जो व्यक्ति भागवत कथा का श्रवण करते हैं, उनके पाप, ताप, संताप सब मिट जाते हैं। कथा में स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य जीवन बड़े भाग्य से मिलता है। इसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। भगवत भजन में ध्यान लगाना चाहिए, इसी में मनुष्य का उद्धार है। उन्होंने कहा कि कलियुग में उम्र भी कम है, अत: युवावस्था में ही अच्छे कर्म कर लेना चाहिए। 

बाद में शरीर की क्या गति होगी, कोई नही जानता है इसलिए शरीर में जब तक सांस है अपने को भजन-कीर्तन में लगाएं। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने कथा श्रवण करते हुए आरती प्रसाद ग्रहण किया।मुख्य यजमान इंद्रावती देवी उदयराज मिश्र, सावित्री अभयराज मिश्र, शकुंतला खेमराज मिश्र, सीता देवी श्याम राज मिश्र, सुशीला देवी अवध राज मिश्र, शमला देवी प्रेमराज मिश्र, सविता धर्मराज मिश्र एवं कार्यक्रम संचालकों में अनुज महाराज, गंगाधर पांडेय, कल्लू पंडित, कुल गुरू अखिलेश त्रिपाठी, कुल पुरोहित जगदंबा प्रसाद शुक्ल, दुर्गा प्रसाद शुक्ल, उदयराज मिश्र, बाबा मिश्रा, देवेंद्र दुबे, परिजनों में धर्मेंद्र, जितेंद्र, मनोज, संजय, अरविंद, राजू, दीपक, आशीष, दिलीप, अतुल, संदीप, कुलदीप, मयंक, मंथन, यश, हर्ष, दिव्यांश, युग, बिवान, आरव मिश्र सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।