जंघई।संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ अनुवां में मुख्य यजमान इंद्रावती देवी, शरद कुमार मोलई तिवारी के निवास पर आयोजित कथा में कथावाचक डॉ महेंद्र शास्त्री महाराज पुराण प्रवक्ता प्रयागराज ने विभिन्न प्रसंगों पर कहा कि ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है तथा ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया।भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को उन्होंने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। महाराज ने सृष्टि विस्तार, कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र आदि प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है तथा ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। कथा में प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे।कथा के पश्चात आरती प्रसाद वितरण किया गया जिसमें यज्ञाचार्य गणेश दत्त पांडेय पुराण प्रवक्ता, अमृतलाल तिवारी, सुभाष तिवारी, गिरिश तिवारी, शैलेश तिवारी, आनंद तिवारी राकेश, प्रदीप, संदीप, आशीष, नीरज शुक्ला, शिवम, सत्यम, सुयश, सुधांशु, हिमांशू, आकाश, विकास, हर्ष, आयुष, रौनक, पीयूष, साहिल, अनंत, शिवांश,  शिवाय एवं कथा श्रोताओं में कुंज बिहारी पांडेय, अंबिका प्रसाद पांडेय, मुन्ना उपाध्याय, त्रिभुवन नाथ उपाध्याय, अशोक कुमार उपाध्याय, जगप्रसाद पांडेय, राधेश्याम दुबे, ब्रह्मजीत दुबे, लवकुश तिवारी, राकेश पांडेय, अतुल श्रीवास्तव, विजयनाथ उपाध्याय, सचिन पाठक, ज्ञानेंद्र पाठक, रामानुज उपाध्याय, चंद्र उपाध्याय, विजय उपाध्याय गोली, उदयराज उपाध्याय, जयंती प्रसाद पांडेय, सुधीर उपाध्याय, राजा उपाध्याय, अंबुज पांडेय, सप्पू गौड़, पट्टर गौड़, सेवक विश्वकर्मा, आनंद मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।