लखनऊ,13 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल अब कभी भी हो सकता है क्योंकि संगठन स्तर पर विचार विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ दौरे के दौरान इस पर मुख्यमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा हुई थी। इस विस्तार और फेरबदल अभियान की खास बात यह होगी कि सरकार के 90 विभागों में से अधिकांश को एक दूसरे में समाहित कर कुल 35 से 36 विभाग ही रखे जाएंगे ताकि सरकार सुचारू रूप से चल सके। ऐसा केंद्र सरकार की तर्ज पर किया जा रहा है जहाँ प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई विभागों को मिला दिया था और जो बड़े मंत्रालय बन गये थे उनमें राज्यमंत्रियों की संख्या ज्यादा कर दी थी। जिन विभागों का आपस में विलय किया जाना है उस सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार के कार्यकाल का लगभग डेढ़ वर्ष पूरा होने पर मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गयी है और जिनका प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा उनकी छुट्टी भी हो सकती है। कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल तय है तथा एक स्वतंत्र प्रभार वाले और तीन राज्यमंत्रियों की पदोन्नति के आसार प्रबल बताये जा रहे हैं। इस समय विधान परिषद चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और भाजपा के उम्मीदवारों में से कम से कम दो लोगों को मंत्री बनाये जाने के पूरे पूरे आसार हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यमंत्रियों की और नियुक्ति से कुछ नये चेहरों को काम करने का मौका मिलेगा। योगी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले नई ऊर्जा के साथ विभिन्न परियोजनाओं और वादों को पूरा करने में लगना चाहती है।