मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रयाग की धरती से कुम्भ 2019 के शाही स्नान की तारीखों की घोषणा कर दी है। पहला स्नान अगले साल 15 जनवरी दूसरा स्नान 4 फरवरी और तीसरा स्नान 10 फरवरी को तय किया गया है। यह जानकारी शुक्रवार को बाघम्बरी मठ में अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने दी। उन्होंने बताया कि इतिहास में पहला मौका है जब कोई मुख्यमंत्री कुम्भ के शाही स्नानों की तारीखों का ऐलान किया है। परिषद की बैठक सुबह 11 बजे बाघम्बरी मठ में शुरू हुई जिसमें परिषद ने शाही स्नान के बहिष्कार के फैसले को सर्वसम्मति से वापस ले लिया। इस दौरान पूर्व में लिए गए उस निर्णय कि तीनों अनि अखाड़े अपनी-अपनी व्यवस्था खुद करेंगे को रद्द कर प्रस्ताव पास हुआ कि तीनों अनियों की व्यवस्था एक साथ की जाएगी। इसके साथ ही सभी अखाड़े अपने महामंडलेश्वर और श्रीमहंत की सूची तैयार कर प्रशासन को देंगे, जिससे कुम्भ में कोई परेशानी न हो।

बैठक में जिन अखाड़ों ने अभी जमीन खरीदी है उनसे भी ब्योरा मांगा गया जिससे उनके यहां भी शासन से निर्माण कराया जा सके। बैठक में परिषद के महामंत्री हरिगिरि, श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत यमुनापुरी, तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के अरविंद पुरी, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महंत प्रेम गिरि सहित सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। अच्युतानंद का किया बहिष्कार बैठक में श्रीपंचदशनाम आह्वान अखाड़े के महामंत्री श्री महंत सत्यगिरि ने प्रस्ताव दिया कि भौमानंद पीठ, काशी और हरिद्वार पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद का अखाड़ा परिषद बहिष्कार करेगा। आरोप लगा कि स्वामी अच्युतानंद अपने बयानों में लगातार परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री को लक्ष्य बनाते हैं। ऐसे में किसी भी अखाड़े का कोई सदस्य उनसे सरोकार नहीं रखेगा। अगर रखेगा तो परिषद के दूसरे सदस्य उससे सरोकार नहीं रखेंगे। इसके अलावा अखाड़ों के खिलाफ बयान जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही आचार्य कुशमुनि के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रस्ताव पास हुआ।