मां विंध्यवासिनी का नौ दिनी नवरात्र मेला क्षेत्र धूम्रपान निषेध घोषित मिर्जापुर।मां विंध्यवासिनी की नगरी में लगने वाले नौ दिन वासंतिक मेले को धूम्रपान निषेध घोषित कर दिया गया है। मेला क्षेत्र में लगे लाउडस्पीकरों के माध्यम से हर पांच मिनट में क्षेत्र को धूम्रपान से दूर रखने की अनाउंसमेंट भी हो रहा है। लोगों को तंबाकू,गुटखा, पान, सिगरेट सहित अन्य हानिकारम सामानों के सेवन करने और सड़कों पर उसकी पन्नी या थूकने से मनाही की हिदायत दी जा रही है। यहां तक कि देखे जाने पर जुर्माना लगाने की घोषणा भी की जा रही है। पर मेले के तीन दिन बीतने के बाद भी किसी पर जुर्माना नहीं लगाया जा सका है। इसके पीछे सफाईकर्मियों की इस बार सक्रियता अधिक है। गंदगी करने वालों को पकड़े जाने से पहले वहां सफाईकर्मी पहुंचकर साफ कर दे रहे हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में वर्षों से नवरात्र में मेला लगता आ रहा है। साल में दो बार नवरात्र मेला लगने पर 40 लाख लोगों के औसतन दर्शन करने का अनुमान लगाया जाता है। इसी को ध्यान में रखकर प्रशासन, पुलिस और सरकार की ओर से मेला को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए हर संभव उपाया किया जाता आ रहा है। पंडा समाज की ओर से लंबे समय से मेला की देखरेख की जा रही है। 1982 से पंडा समाज के साथ ही विंध्य विकास परिषद के रूप में प्रशासन भी जुड़ गया है। नगर पालिका साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था देख रहा है तो बिजली विभाग के लोग रोशनी देने में जुटे हैं। जिलापूर्ति विभाग की ओर से केरोसिन व दस रुपये प्लेट पूड़ी सब्जी का वितरण कराया जा रहा है। इन व्यवस्थाओं के बाद भी मेला क्षेत्र में नौ दिनों में धूम्रपान से जुड़े सामानों की बिक्री से हर जगह गंदगी फैल जाती रही। गुटखा की पन्नी के साथ ही पान की पिक सड़कों पर आम रहती थी। इसबार प्रशासन ने पहली बार मेला क्षेत्र को धूम्रपान निषेध घोषित कर दिया है। हिदायत दी गई है कि वह मेला क्षेत्र यानी दक्षिण में अमरावती चौक,पूरब में कंतित शरीफ और पश्चिम में शिवपुर के बाहर जाकर ही धूम्रपान करें। उत्तर तरफ में सवयं गंगा नदी हैं। यह पूरा मेला क्षेत्र है,इसलिए यहां भी प्रतिबंध प्रभावी है। इस क्षेत्र में धूम्रपान से जुड़ी दुकानों को भी हटवा दी गई है। इससे आधा से अधिक समस्या ऐसे ही दूर हो गई है। बची समस्या को सफाईकर्मी गंदगी होती ही साफ कर दे रहे हैं। इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि नवरात्र मेला क्षेत्र को धूम्रपान निषेध घोषित किए जाने के कई लाभ हैं। धार्मिक दृष्टि से भी नौ दिनों तक कम से कम लोग धूम्रपान के सेवन से बच जाएंगे। इससे उनके सेहत में सुधार आएगा और गंदगी भी नहीं होने पाएगी। डीएम बिमल कुमार दुबे ने कहा कि धूम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित करने के बाद की जा रही सख्ती से ही नशे के सामान बेचने वाले मेला क्षेत्र से दूरी बनाए हुए हैं। फिलहाल लोगों को सचेत किया गया है। कार्रवाई करने से पहले ही सुधार हो जाए तो उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। एसपी आशीष तिवारी का कहना रहा कि पुलिसकर्मियों को भी पान, गुटखा सहित अन्य किसी प्रकार की मादक पदार्थ का सेवन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। सबसे ज्यादा उन पर निगाह रखी जा रही है जो धूम्रपान का उपयोग करके जगह-जगह गंदगी फैलाते हैं।