देशभर में आज (रविवार) रामनवमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी। ... नई दिल्ली (जेएनएन)। देशभर में आज (रविवार) रामनवमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, 'राम नवमी के अवसर पर सभी देश-वासियों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान राम का जीवन अपने आप में ही एक संदेश है। आइए न्‍यायप्रियता और सत्‍य के मार्ग पर चलने के उनके संदेश का पालन करें और अपने समाज में भाई-चारा बढाएं।' बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार आज के दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। भगवान राम को विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है। रामनवमी का पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। सुबह से ही आज भक्तों का मंदिरों में तांता लगा हुआ है। रामनगरी अयोध्या में रामलला को नए वस्त्र पहनाए जाएंगे। इस पर्व को लेकर अयोध्या के मठों और मंदिरों में विशेष तैयारी की गई है। भक्तों का तांता सुबह से सरयू नदी और रामजन्मभूमि के साथ कनक भवन और हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए लगा हुआ है। रामनवमी के दिन ही संतश्री गोस्वामी तुलसीदासजी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया था। राम नवमी का इतिहास रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थी- कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। विवाह को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विनती की। महर्षि ने दशरथ की विनती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं। नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म लिया। इसी दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।