काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर पाथवे निर्माण के दौरान पौराणिक अवशेषों, मंदिरों, कला, संस्कृति, पेड़-पौधों आदि से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, बल्कि उन्हें संरक्षित कर श्रद्धालुओं के लिए सुलभ बनाया जाएगा। बाबा दरबार से गंगा दर्शन पाथवे के लिए तैयार होने वाले ब्लू प्रिंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फाइनल करेंगे। इससे पहले तैयार ब्लू प्रिंट को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी देखेंगे। ब्लू प्रिंट में कोई कमी नहीं रह जाए, इसके लिए जिला और मंदिर प्रशासन समेत कई विशेषज्ञ जुटे हैं। यह बातें विकास प्राधिकरण सचिव और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल ने सिंह ने सोमवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बताईं। उन्होंने बताया कि बाबा दरबार से गंगा दर्शन पाथवे में 166 भवन चिह्नित किए गए हैं। इनमें 43 मंदिर हैं। गिराए गए अभी तक पांच भवनों में तीन मंदिर मिले हैं, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) सचिव ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर समेत रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों के इतिहास ऑनलाइन होंगे। कौन मंदिर कब बना, मंदिर का महत्व क्या है, किसने मंदिर बनवाया तथा वर्तमान स्थिति क्या है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र और गंगा दर्शन के लिए प्रस्तावित पाथवे का ब्लू प्रिंट मौके की स्थिति को देखकर बनाया गया है। देश के 11 प्राचीन धरोहर आइकोनिक से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश में ताज महल और दूसरा मणिकर्णिकाघाट को जोड़ने की तैयारी है। आइकोनिक कंपनी से बातचीत हो गई है। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।