इलाहा
बाद।
हाईकोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित कोटे के अभ्यर्थी को उसकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की विधवा को योग्यता के आधार पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति न देना गलत है। कोर्ट इस संबंध में पहले आदेश कर चुका है इसके बावजूद राष्ट्रीय इंटर कॉलेज चेतपुर वाराणसी की प्रबंध समिति ने याची को अभी तक तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति नहीं दी है। कोर्ट ने डीआईओएस वाराणसी को निर्देश दिया है कि प्रबंध समिति छह सप्ताह में याची को तृतीय श्रेणी पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं कराती तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रीती देवी की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया। याची के पति रामबाबा इंटर कालेज सिधौरा में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी थे। सेवा काल में ही उनकी मौत हो गई। याची ने मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति के लिए आवेदन किया। डीआईओएस ने खेदनलाल राष्ट्रीय इंटर कालेज चेतगंज की प्रबंध समिति को याची को तृतीय श्रेणी के पद पर कार्यभार ग्रहण कराने का निर्देश दिया। प्रबंध समिति ने नियुक्ति देने से यह कह कर मना कर दिया कि याची के पति चतुर्थश्रेणी कर्मचारी थे। उसे सहायक लिपिक के पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। लिपिक का पद सीधी भर्ती से भरा जाएगा।

इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने कहा कि इंटरमीडिएट एक्ट के तहत बनी नियमावली के नियम 101 से 107 तक पर विचार करते हुए कहा कि सरकार ने चतुर्थश्रेणी का पद आउट सोर्सिंग से भरने का निर्णय लिया है। और ऐसा कोई नियम नहीं है कि मृतक आश्रित को मृतक के समान या उससे नीचे के पद पर नियुक्ति दी जाए। योग्यता होने पर उससे उच्च पद पर भी नियुक्ति दी जा सकती है। इसलिए प्रबंध समिति नियुक्ति देने से इंकार नहीं कर सकती है।