भोपाल, 24 जून । मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र 25 जून से शुरू होगा। मानसून सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं क्योंकि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्चवास प्रस्ताव पेश करने का नोटिस दिया है। मालूम हो कि प्रदेश में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिये विपक्षी दल कांग्रेस को सत्तारूढ़ दल भाजपा को विधानसभा में घेरने का यह अंतिम अवसर होगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘‘पिछले 15 सालों के शासन में प्रदेश सरकार लगभग हर मामले में असफल रही है और प्रदेश की जनता सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं है। इसलिये कांग्रेस विधायक दल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि इसके जरिये हम भ्रष्टाचार, किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी, मुख्यमंत्री द्वारा पूरे नहीं किेये गये वादों सहित अनेक मुद्दों पर सरकार से जवाब लेने का प्रयास करेंगे। दूसरी ओर, विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव का परिक्षण करने और इसके नियमानुसार होने की जांच के बाद ही इसे ग्राह्य करने का निर्णय लिया जायेगा।’’ उन्होने कहा, ‘‘मेरी पूरी कोशिश होगी कि सदस्यों द्वारा उठाये गये मामलों पर चर्चा हो। इसके लिये मैं पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों के साथ मिलकर चर्चा करूंगा, क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले विधानसभा का यह अंतिम सत्र होगा।’’ वहीं विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा कि इस पांच दिवसीय सत्र में विधायकों ने 1376 प्रश्न तथा 236 ध्यान आकर्षण प्रस्ताव चर्चा के लिये प्रस्तुत किये हैं। इसके अलावा तीन स्थगन प्रस्ताव और 17 गैर शासकीय प्रस्ताव भी पेश किये गये हैं। उन्होंने कहा कि 29 जून को समाप्त होने वाले इस मानसून सत्र में 17 शासकीय विधेयक भी चर्चा के लिये पेश किये जायेगें।