पर्यावरण की सुरक्षा में एक प्रयास तीन सौ गमलों में मकानके छत पर उगाते हैं फल, फूल ,सब्जियां। - इनसे प्रेरणा लेकर रामकोला नगर के कई घरो में शुरू हो गई है रूफ गार्डेनिंग। भगवन्त यादव कुशीनगर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास मे सराहनीय प्रयास इसी सोच को साकार रामकोला नगर के मथुरा नगर वार्ड के निवासी मनोज कुमार मिश्र कह रहे हैं जो अपने छत पर लगभग 300 गमलों में फल-फूल ,सब्जियां, मसाले और औषधियां उगा रहे हैं। इनके रूफ गार्डेन में लगभग 80 फलदार पेड़ है जिनमें प्रमुख रूप से अंजीर, जामुन, अमरुद, अन्नानास, जामरूल, शहतूत ,संतरा, मौसमी, फालसा ,आसफल, चीकू बेर ,काला अंगूर , सेब ,आम,नीबू, स्ट्रॉबेरी आदि है । गार्डेन में मौसमी सब्जियां बहुतायत है। लौकी ,नेनुआ ,मिर्चा, शिमला मिर्च, धनिया ,पालक ,मेथी ,बैगन, टमाटर, पुदीना आदि गमले में उगायी जा रही हैं। इनकी बगिया में हींग, काली, मिर्च, लौंग, इलायची, मीठी नीम, पिस्ता, तेजपत्ता ,एलोवेरा, गिलोय आदि भी उगाए गए हैं । दर्जनों प्रकार की देशी- विदेशी प्रजाति के फूल से बगिया हरी भरी रहती है। वे बताते हैं कि हमारे इस बगिया में हमेशा सब्जियां मिलती रहती हैं। 300 गमलों से सजा इस गार्डेन की देखभाल किसी माली से नहीं कराते हैं बल्कि खुद इसकी देखभाल अपने ही करते हैं। मनोज मिश्र ने बताया कि पौधों की समय-समय पर कटिंग की जाती है। स्वयं के द्वारा तैयार की गई जैविक खाद इन पौधों में डालते हैं । वह घर पर ही पत्तियों, गोबर और प्रयोग हो चुकी चाय की पत्तियों से ऑर्गेनिक खाद बनाते हैं। वे बताते हैं कि बचपन से ही बागवानी का शौक था। 2006 में बीएचयू गया था वहां काहरा-भरा परिसर देखकर प्रभावित हो गया और मन में ठान लिया कि जब भी अवसर मिलेगा हम भी सुंदर बागवानी लगाएंगे। उसी के तहत 2013 से छत पर बागवानी कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि हम से प्रेरणा लेकर रामकोला नगर के तमाम घरों में रूफ गार्डेनिंग शुरू हो गई है। लोग कॉल करके पौधों के विषय में जानकारियां लेते हैं। नगर के लोगों को प्लांटेशन के प्रति जागरूक भी कर रहा हूं ।रूफ गार्डेनिग का लाभ बताते हुए श्री मिश्र ने कहा कि हम लोगों को सब्जियां नहीं खरीदनी पड़ती है जब इच्छा करती है तब ताजा सब्जियां अपने गार्डेन से तोड़ लिया जाता है। प्रतिदिन एक घंटे का समय बगिया के कार्यों में देने से शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है और जिसके पास जमीन नहीं है वह भी छत पर बागवानी कर पर्यावरण को हरा भरा कर सकता है। उन्होने बताया कि अपने इस मिशन को और आगे तक ले जाऊंगा । रामकोला नगर को हरा-भरा देखना चाहता हूं। इसके लिए शीघ्र नगर क्षेत्र के एक किलोमीटर परिधि में मुख्य मार्गों के किनारे पीपल , बरगद और नीम का पौधा अपने खर्चों से लगाउंगा तथा उसकी देखभाल भी करूंगा।