जंघई।नेदुला चकिया गाँव में चल रही श्रीमद्भभागवत कथा के तीसरे दिन दिन रविवार को कथा व्यास भागवत भूषण निर्मल शुक्ल महाराज ने कथा में ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र, नरसिंह अवतार, बावन अवतार की कथा सुनाई। महाराज ने भक्त ध्रुव चरित्र, महाराज भरत के तीन जन्म की कथा जिसमें भक्त अजामिल पर की गई कृपा, वृत्रासु, प्रसंग, नृसिंह भगवान अवतार, भक्त प्रहलाद की कथा और हिरण्यकश्यप वध की कथाओं के प्रसंग सुनाए। उन्होंने भक्त ध्रुव और प्रहलाद की कथा के वृतांत सुनाते हुए कहा कि भक्त पर संकट आने पर भगवान भक्त की रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं। भक्त के प्रति भगवान का स्नेह अपार होता है, और भक्त पर ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। जब भक्त प्रहलाद पर पिता हिरण्यकश्यप द्वारा प्रताड़ित किया गया तो आखिर में भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे से नरसिंह भगवान का अवतार लिया और धरती पर हिरण्यकश्यप के बढ़ते पाप, अत्याचार को मिटाने के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया। कथा के बीच बीच भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और भावविभोर होकर नाचने लगे कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने पहुंचे थे।इस अवसर पर राधेश्याम पाठक, घनश्याम पाठक, विजयशंकर पाठक, छैलबिहारी, जयशंकर, रविशंकर, मनोज, संदीप, अभिषेक, आदर्श, ऋषि, शानू, अर्थव, मृदुल, शिशांग सहित तमाम लोग मौजूद रहे।