भारत के  भूत पूर्व राष्ट्रपति व  शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन के मिशन को लेकर चलने का जीवन का मकसद  रामेश्वर 


गरीबी में की पढ़ाई, अब गरीब बच्चों के मसीहा बने हैं रामेश्वर गुरू जी

 

 गरीब छात्रों  का निःशुल्क तैयारी अब गांव में करवायेगें रामेश्वर गुरू जी 

 आईआईटी नीट तथा आईएएस की तैयारी कोटा दिल्ली नहीं गांव में कराने का लक्ष्य


भगवन्त यादव संबाददाता

कुशीनगर  विद्यार्थी जीवन की गरीबी मे पढ़ें रामेश्वर प्रजापति (गुरु जी) भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति व महान शिक्षाविद के जन्मदिन केअवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करतेहुये  उन्होंने कहा कि   अब  गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा संस्कृति और संस्कारो को प्रेरित कर समाज विरोधी देश की सेवा हेतु सम्पर्पि ही सच्ची श्रद्धांजलि महान शिक्षाविद सर्वपल्ली राधाकृष्णन का होगा आगे रामेश्वर  गुरुजीने बताया कि   विगत 20 वर्षों से शिक्षक व सेवक की भूमिका में   सैकड़ों छात्र-छात्राओ कोशिक्षा देरहे  देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उच्च शिक्षा व प्रशासनिक पदों पर छात्रों को आसीन कराने का मकसद है हम पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी सेवाएं देे रहे हैं। बताते चलें कि इनका पैतृक आवास ग्राम सिधावेटोला  कटकुईया  तहसील कसया के निवासी  है

रामेश्वर  गुरुजी गांव के प्राथमिक विद्यालय से पढ़कर आगे एम एस सी बीएड की शिक्षा कुशीनगर महात्मा गौतम बुद्ध ड्रीग्री कालेज से लियाहै सरकारी नौकरी को ठुकराते हुए प्रणाम ईलिया कि अपने घर वापस गांव की सेवा में जीवन सम्पर्पित करूगा जोआगे शिक्षा का ज्योति जलाने हेतु अपने माता के नाम पर श्री मती मालती देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  पुरैनी के नाम से  स्थापना कर शिक्षा देना शुरू कर दियेतथा गरीब परिवार के होते हुये भी इनके हौसलों  को माता पिता के आशीर्वाद ने इनके संकल्प को पूरा किया रामेश्वर गुरुजीने बताया कि बिगत चार दशक पूर्व मेरे पिताजी लक्ष्मी प्रजापति भी शिक्षक है जो ट्यूशन के फीस से हमको  पढ़ाया लिखाया और बेटों को शिक्षक के रूप में  देखना चाहते थे जो पूरा हुआ  इनका संकल्प था कि  मैं शिक्षक बनूंगा और गरीब छात्रों को आगे बढ़ाने में और उत्कृष्ट राष्ट्र सेवा के लिए उन्हें प्रेरित करूंगा।  जो पूरा हुआ

इसी धारणा के बाद 1998से शिक्षण कार्य करते हुए  शिक्षा दान करने मे लगेहै ताकि यह प्राचीन गुरुकुल परंपरा जीवंत रहे है। इसका परिणाम यह हुआ कि आज सैकड़ों छात्र-छात्राएं  के  क्षेत्र के गांव सिधावे पुरैनी परवरपार सोहसा मठिया भड़कुड़वा   आदि गांवों के छात्र-छात्राएं बिद्याज्ञान नवोदय  विद्यालय  व पालिटेक्निक आईआईटी वह नीट वह हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी

की तैयारी कराते है 2013से 2021तक पठन-पाठन में सैकड़ों छात्र-छात्राओ का चयन हुआ हैइनका लक्ष्य है कि प्रत्येक परिवार में एक नौकरी व्यवसाय बिजनेस दिलाकर मुकाम हासिल कराना इनके शिष्य देश विदेश में अतुलनीय राष्ट्र सेवा प्रदान कर रहे हैं।  रामेश्वर गुरु जी के नाम से जाने जाते हैं। राष्ट्र को समर्पित सभी शिष्यों ने गुरु कृपा से। अपना आदर्श मानते हैं।  तथा ग्रामीण क्षेत्रों  के शिक्षक व बिद्यालय के प्रबंधक भी इनसे पढ़ाने की शैली और ज्ञानार्जन हेतु समय समय पर अपने स्कूलों में आमन्त्रित करते है आगे उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को शिक्षा की हर जानकारी मैं सेवा भाव से देता हूं  उनके इस पुनीत कार्य में शिष्यो को इंजीनियर, डाक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर, प्रवक्ता, सीएमडी, सीईओ शिक्षक, पत्रकार, अधिवक्ता, रेलवे कर्मचारी इत्यादि पदों पर आसीन कराने कामकसद व  लक्ष्य है जो गांव में ही शिक्षा की तैयारी और कम्पटीशन की तैयारी कराने से गरीबों के बच्चों को जीवन में ज्ञानकी  रोशनी दे रहे है  एवं उनमें राष्ट्र प्रेम जागृत करते हैं। । उनका लक्ष्य है कि धनाभाव में कोई छात्र शिक्षा से वंचित न रहने पाए। कोरोना काल में भी गुरु जी ने गरीबों और असहाय छात्रों को आनलाइन शिक्षा की मदद में बढ़कर हिस्सा लिया।  शिक्षा के माध्यम से मजबूत बनाकर राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने का संकल्प लेकर अपने मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मिशन पर कार्य करते हुए इन्होंने कभी अपने कार्य को प्रकाश में लाने का प्रयास नहीं किए बिना किसी दिखावा के अपने मिशन पर निष्ठापूर्वक कार्य करते रहे।  राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के  यह उनके साथ एक विशेष सम्मान का बोध है। जो आज के समय में दुर्लभ सा लगता है।  अपने मिशन के आगे बढ़ाते हुए छात्रों में अच्छे संस्कार, राष्ट्र, प्रेम, नैतिकता और मानवता की भावना जागृत कर रहे हैं। गुरु जी और शिष्यों के बीच अगाध प्रेम और अटूट श्रद्धा का परिणाम है  इनके शिष्यों की सोच है कि गुरु जी के महान कार्य की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से लोग राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित होंगे जो हमारे पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी