प्रयागराज।महान स्वतंत्रता सेनानी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन कांग्रेसियों ने आनंद भवन प्रयागराज में उनके चित्र पर माल्यार्पण करके मनाया।1947 में भारत के स्वतंत्र राष्ट्र स्थापना से लेकर अपने अंतिम दिनों 1964 तक पंडित नेहरू भारत के संप्रभुत्ता, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र के वास्तुकार माने जाते थे। कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल निवास की वजह से पंडित नेहरू भी बुलाए जाते थे। भारत के सपने को साकार करने के लिए पंडित नेहरू आगे बढ़े उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तित होने का परीक्षण किया विदेश नीति में भारत को दक्षिण एशिया में क्षेत्र नायक के रूप में प्रदर्शित कर निरपेक्ष आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में ही कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चुनाव में अपने को स्थापित कर चुकी थी।कांग्रेस पार्टी को पंडित मोतीलाल नेहरू और उनके पिताजी पंडित गंगाधर नेहरू थे जो शहर के बड़े बैरिस्टर बाद में आजादी के नायक बने पंडित नेहरू के समय इलाहाबाद के लोगों को हमेशा एहसास होता रहा को प्रधानमंत्री के नगर के हैं। नेहरू जी भी वही लगाव अपने विरोधियों के साथ भी रखते थे और कभी भी उनका काम पड़े या मिलना हुआ दिल खोलकर वह मिलते थे। पंडित नेहरू के जाने के बाद इंदिरा जी ने कमान संभाल ली।आनंद भवन परिसर में पंडित नेहरू के चित्र पर माला फूल चढ़ाकर वरिष्ठ कांग्रेसियों ने श्रद्धांजलि दिया और उन्हें याद किया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने कहा कि प्रयागराज की गरिमा बहाल करने के लिए फिर से नेहरू परिवार यानी गांधी परिवार से किसी को 2024 की लोकसभा के चुनाव में लड़ाया जाए यह मांग कार्यकर्ता करेंगे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व न्यायाधीश सभाजीत यादव, अनुग्रह नारायण सिंह, संजय तिवारी, मुकुंद तिवारी, करमचंद, विनोद सुरेश चंद्र यादव, प्रदीप मिश्रा अंशुमन, डॉक्टर सत्य पांडेय, किशोर वार्ष्णेय, हसीब अहमद, आलोक पांडेय, पिंटू, सुभाष पांडेय, राकेश पटेल, मनोज पासी, दिनेश सोनी, विजय यादव, दत्तात्रेय त्रिपाठी, धर्मराज पटेल, इरसादुल्ला, अजय श्रीवास्तव, संतोष दुबे, सोनू, बजरंग लाल दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।