जंघई।आदर्श रामलीला कमेटी भण्डा की रामलीला में भरत द्वारा श्रीराम को मनाने के लिए वन पहुंचने की लीला का भावपूर्ण मंचन किया गया। श्रीराम को वापस लाने का संकल्प लेकर भरत वन में पहुंचे, लेकिन श्रीराम ने वचनबद्ध होने की बात कहकर मना कर दिया। तब भरत उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या लौट आते हैं। मंचन में दर्शाया गया कि ननिहाल से भरत और शत्रुघ्न जब अयोध्या पहुंचते हैं तो उन्हें श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण के वन जाने व राजा दशरथ के निधन का समाचार मिलता हैै। इससे व्यथित होकर भरत माता कैकेयी को भला-बुरा कहते हैं। गुरु वशिष्ठ के समझाने पर भरत ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया मगर राजगद्दी पर बैठने से मना कर दिया कहा राजा राम हैं, वही सिंहासन पर बैठेंगे। भरत गुरु, माताओं तथा बंधु बांधवों को साथ लेकर श्री राम को वापस लाने के लिए वन जाते हैं। राम को देखते ही भरत त्राहिमाम कहकर उनके चरणों में गिर जाते हैं यह दृश्य देखकर सभी की आंखें नम हो गईं। इस अवसर पर अध्यक्ष परमेंद्र बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष हुबराज यादव, रामकुमार सिंह, व्यास संचालक पन्ना लाल शर्मा, चंद्र बहादुर सिंह, आलोक सिंह पूर्व प्रधान, सहज प्रताप, गौरव राजपूत, लकी, बंटी, जितेंद्र, पवन सिंह, अवनीश सिंह, चंदन, ज्ञानेंद्र, कुंदन, सचिन सिंह, आदर्श सिंह, गब्बर, शिवम, हर्ष, अंश तिवारी, गोरेलाल शर्मा, पप्पू गौड़, अमित सिंह विक्की, गोविंद पाठक, शिवम सिंह, वीरभद्र सिंह, किशन सिंह, नीरज सिंह, मनीष सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।