जंघई।आदर्श छात्र संघ रामलीला समिति गहरपुर, खखैचा की रामलीला मंचन के दौरान सेतुबंध रामेश्वरम से लेकर लंका दहन तक की लीला का भव्य मंचन किया गया। सीता की खोज में निकली बंदर सेना समुद्र के किनारे पहुंची सम्पाति ने बंदर सेना को देख कहा, मैं काफी दिनों से भूखा हूं, आज भगवान ने मुझे अच्छा आहार दिया है इस पर बंदरों की सेना चिंतित हो गई। जामवंत ने उन्हें याद दिलाया कि जटायु ने माता सीता के लिए रावण से लड़कर अपने प्राणों की आहुति दी थी। जटायु का नाम सुनते ही सम्पाति ने अपनी मदद का प्रस्ताव रखा और बंदर सेना को समुद्र के किनारे ले जाने की इच्छा जताई हनुमान जी ने लंका की ओर छलांग लगाई, जहां सुरसा ने उन्हें अपने मुंह से निकलने दिया। फिर वे अशोक वाटिका पहुंचे और माता सीता से मिले। हनुमान जी ने वहां के राक्षसों को हराते हुए रावण के पुत्र अक्षय कुमार को मार गिराया। इसके बाद मेघनाद ने हनुमान जी को बंदी बना लिया। रावण के कहने पर हनुमान जी की पूछ में आग लगा दी गई, जिससे उन्होंने लंका में आग लगाकर पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया। फिर समुद्र में अपनी आग बुझाकर वापस लौटे और भगवान राम को सीता जी द्वारा दी गई चूड़ामणी सौंप दी। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष त्रिशूलीनाथ दूबे, निर्देशक-फूलचन्द्र उपाध्याय, महामंत्री-आदित्य तिवारी, उपाध्यक्ष-लालचन्द्र यादव, कोषाध्यक्ष प्रमोद दूबे, शिवशंकर दुबे, राहुलकुमार दूबे मुख्य सलाहकार, आशुतोष तिवारी, संजीत यादव, अनिल यादव, दिलीप दूबे, अमन, शिवम, अभिषेक, शक्ति सिंह, शिवम तिवारी, बालाजी सहित समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से मंचन सफल हो रहा।