जंघई।मुख्य यजमान ओमप्रकाश पांडेय के निवास पांडेयपुर में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास राघवेंद्राचार्य महाराज श्रीधाम वृंदावन ने श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह एवं उधव चरित्र, महारास लीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। इस अवसर पर आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर श्रीनाथ पांडेय राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक, रामचंद्र पांडेय, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, शेषमणि पांडेय, जयप्रकाश पांडेय, सुरेश पांडेय शिक्षक, सुरेश पांडेय, कपिल देव तिवारी, शिव प्रकाश पांडेय, राम प्रकाश पांडेय, राजेश पांडेय, बृजेश पांडेय, प्रधान भानीपुर सौरभ पांडेय, जयनाथ पांडेय, मनोज मिश्रा, पंडित रविराज तिवारी, तबला वादक शैलेश दुबे, संदीप सुहाना, अजय, प्रधान प्रतिनिधि भानीपुर राकेश पांडेय, धनराज विश्वकर्मा, मनीष पांडेय, आदर्श पांडेय, अजय, अभय, सौरभ, सूरज सहित तमाम श्रोतागण मौजूद रहे।