प्रतापपुर।सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के समापन दिवस पर जनुआडीह खुर्द गांव में मुख्य यजमान श्रीकांत पांडेय एवं विजयकांत पांडेय के निवास पर आयोजित कथा समापन दिवस पर शनिवार को कथा व्यास आचार्य मुकेश तिवारी ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के आग्रह पर अपने मित्र बाल सखा सुदामा से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचें सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए और सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा किया गया कथा के पश्चात आरती प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पुरोहित अनुज कुमार भाऊ गुरुजी, बालकृष्ण, गिरिजा पांडेय, श्यामकृष्ण, दीनानाथ यादव, महादेव यादव, सूर्या यादव, दिनेश पांडेय, कमला प्रसाद, मताफेर शुक्ला, सुनील यादव, सूरज शुक्ला, कृष्ण गोपाल पांडेय, शरतेंद्रू पांडेय, पंकज कुमार, रामजी पांडेय, ब्रह्मदेव तिवारी, श्रीनाथ पांडेय, अमित मिश्रा, अभिषेक, रवि सहित तमाम लोग मौजूद रहे।