जंघई।चनेथू पड़ान गांव में मुख्य यजमान सरोजा देवी एवं कमलेश पांडेय के निवास पर आयोजित संगीतमय शिव महापुराण अमृत कथा में बुधवार को समापन दिवस पर कथावाचक आचार्य सुधाकर मिश्र ने कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते। शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बंधनों से मुक्त कर सकते हैं,- शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है। शिव महापुराण में कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचे और श्रोता झूम उठे कथा के पश्चात आरती प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर आचार्य भानु प्रताप मिश्रा, कैलाश नाथ पांडेय, केशव प्रसाद शुक्ल, नारायण दास शुक्ल, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, मुन्ना पांडेय प्रधान, गोपीनाथ पांडेय, आशाराम पांडेय पूर्व प्रधान, आचार्य मनमोहन पांडेय, सूर्यमणि शुक्ला, कृपाशंकर पांडेय, शेषमणि पांडेय, विद्यामनि पांडेय, दरोगा पांडेय, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, सुरेश पांडेय, विनोद पांडेय, लल्लन प्रसाद पांडेय, जयशंकर शुक्ला, राम श्रृंगार पांडेय, अच्छेलाल पांडेय, धीराधर पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय, छोटेलाल सोनी, बालकृष्ण पांडेय, सुशील उपाध्याय, पवन प्रीत, दीपक, मनीष, धीरज, महेश, रासुतोष, नीरज, विवेक, विनायक, आर्यन, अनुज पांडेय कृष्णा पांडेय एवं रुद्र पांडेय सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।