नयी दिल्ली, 09 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय ने धन के कथित गबन मामले में तीस्ता सीतलवाड को आज अस्थाई राहत देते हुये उनकी अंतरिम संरक्षण और ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अवधि दो मई से 31 मई तक बढ़ा दी। बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें और उनके पति जावेद आनंद को दो मई तक का अंतिरम संरक्षण और ट्रांजिट अग्रिम जमानत प्रदान की थी। शीर्ष अदालत ने अंतिरम राहत देते हुये स्पष्ट किया कि तीस्ता और उनके पति को अग्रिम जमानत के लिये गुजरात की सक्षम अदालत में आवेदन करना होगा। न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौदर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, ‘‘चूंकि प्राथमिकी गुजरात में दर्ज है, सक्षम अदालत गुजरात में ही होगी।’’ पीठ ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड और उनके पति को 31 मई तक गिरफ्तार नहीं किया जायेगा परंतु गुजरात की सक्षम अदालत गुणदोष के आधार पर मामले का फैसला करेगी। पीठ ने कहा, ‘‘हम प्रतिवादियों (सीतलवाड और जावेद आनंद) को निर्देश देते हैं कि वे गुजरात में 31 मई से पहले सक्षम अदालत से उचित राहत का अनुरोध करें। बंबई उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतिरम जमानत की अवधि 31 मई तक बढ़ाई जाती है।’’ पीठ ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में बंबई उच्च न्यायलय द्वारा दी गई ट्रांजिट अग्रिम जमानत के मुद्दे तक की खुद को सीमित रखे है और आदेश के दूसरे सभी पहलुओं को हटाया जाता है क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय का इस बारे में अधिकार क्षेत्र नहीं है। अहमदाबाद पुलिस ने उच्च न्यायालय के पांच अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी जिसके माध्यम से इस दंपति को 31 मार्च को दर्ज प्राथमिकी में दो मई तक संरक्षण प्रदान किया गया था।