जंघई।पेंटिंग ईश्वरीय सृष्टि में अनंत सौन्दर्य समाया हुआ है। मनुष्य की सृजनात्मक प्रवृत्ति ने कला के विभिन्न आयामों को जन्म दिया। जैसे प्रकृति चित्रण, संयोजन, व्यक्ति चित्रण, छापा चित्रण तथा अमूर्त चित्रण आदि। दृश्य कला ही एक ऐसी विधा है, जिसमें प्रकृति में समाहित सौन्दर्य को स्मरणीय और आनंददायक बनाया जा सकता है। चित्रकार को अनन्त प्रकृति में से कुछ ही बिन्दु आकर्षित कर पाते हैं। इन आकर्षक बिन्दुओं को जब वह चित्र रूप में परिणित करता है, तो वह दृश्य चित्र कहलाता है। चित्रकार इसे जल रंग, तेल रंग, एक्रेलिक, पेस्टल, छापा कला के माध्यम से सृजित करता है।नागरिक पीजी कालेज जंघई एमए प्रथम वर्ष राजनीति शास्त्र की छात्रा प्रतिभा पांडेय पुत्री विनोद पांडेय निवासी जंघई पड़ान एवं बीए तृतीय वर्ष की छात्रा श्रद्धा तिवारी पुत्री राकेश तिवारी निवासी भोगीपुर सेमरी द्वारा महाविद्यालय में छात्र छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने हेतु पेंटिंग बनाया इस पेंटिंग में प्राकृतिक दृश्य दर्शाया गया है और इसमें हम देख सकते हैं कि पेड़ पौधे और नदी बनी हुई है इस पेंटिंग का उद्देश्य है कि पेड़ पौधे को कटाव से बचाएं और नदी तालाब बनाए ताकि जीव जंतु उस पेड़ के छाया में प्यासे जीव जंतु नदी के ठंडे पानी को पी सके।