*डिजिटल भारत के सूत्रधार थे   पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी** 

*डॉ अरुणेश यादव प्रदेश महासचिव कांग्रेस पिछड़ा बर्ग*

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 31वी शहादत दिवस पर  श्रद्धांजलि  अर्पित कर नमन किये


कुशीनगर संबाददाता


बढ़ते हुए प्रतिस्पर्धा के दौर में युवाओं को उनकी अपेक्षा के अनुसार रोजगार मिल पाना सबसे बड़ी समस्या है, जिससे लोगों के अंदर अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है नतीजन युवा इस समय अपने भविष्य को अंधकारमय और उद्देश्य रहित होता हुआ देख रहे हैं*

उक्त बातें उत्तर प्रदेश भ्रमण  के दौरान कुशीनगर जनपद मे  एक गोष्ठी कार्यक्रम के बाद  पत्रकार वार्ता के दौरान   अपने संबोधन मे

समाजसेवी, शिक्षाविद और  उत्तर  प्रदेश  कांग्रेस कमेटी के प्रदेशमहासचिव ( ओबीसी विभाग)  डॉ अरुणेश यादव  ने कही तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सपनो को याद दिलाते हुये उनके  बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित किये आगे उन्होने कहा कि  मौजूदा केंद्र सरकार विगत 8 वर्षो से युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई। खुद सरकारी आंकड़ों के हवाले से बात करे तो सरकार के रोजगार और स्वरोजगार देने के सभी वादे और दावे खोखले और जुमले साबित हुई है। रेलवे भर्ती, एनटीपीसी भर्ती, शिक्षक भर्ती, एसएससी जीडी भर्ती और सेना में भर्ती सभी जगह पद रिक्त है लेकिन सरकार ने किसी भी विभाग में खाली पड़े लाखो पदो को भरने में कोई जिम्मेदारी नहीं ली और ना ही इच्छा जाहिर की। इन तमाम भर्तियो  में जो परीक्षार्थी है वह  परीक्षा उत्तीर्ण कर के घर बैठे हैं।


 डॉ यादव ने बताया कि पिछले 4 वर्षों का ही आंकड़ा निकाल कर देखें तो एक तस्वीर सामने आती है कि सिर्फ सेना के दो लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं और सरकार यह कह रही है कि हमारे पास पर्याप्त फंड नहीं है इस वजह से हम भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती नहीं कर पा रहे, जिससे कि लाखों युवा हतोत्साहित हो रहे हैं साथ ही लाखो युवाओ का उम्र समाप्त हो रहा हैं। लाखों पद खाली हैं लेकिन सरकार उन्हें भी नहीं भर रही है जिसमें से 70000 से ज्यादा पद तो सरकार ने निरस्त भी कर दिए है। इसी प्रकार एसएससी जीडी के 55000 योग्य अभ्यर्थियों को सरकार पिछले 4 सालों से ज्वाइनिंग पत्र नहीं दे रही है। एनटीपीसी भर्ती में एक बड़ा घोटाला देखने में आया है जिसमें सरकार की नाकामी साफ झलक रही है।

 

आगे डॉ यादव ने कहा कि अगर हम प्राइमरी और जूनियर शिक्षकों की बात करें तो पूरे देश में लाखों सरकारी पद खाली हैं, जिनको सरकार या तो नहीं भर रही है या फिर उन तमाम भर्तियों में घोटाले की वजह से नियुक्तियां अधर में अटकी हुई है। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्तीयो  में आरक्षित सीटों में घोटाला सामने आ चुका है जिसमें तमाम योग्य अभ्यर्थी पिछले 3 साल से आंदोलनरत हैं।

आगे उन्होने आरोप लगायाकि

कुल मिला कर तस्वीर यह सामने आ रही है कि मौजूदा सरकार सिर्फ सरकारी ही नहीं निजी संस्थानों में भी युवाओं को पर्याप्त रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है। सरकार की स्वरोजगार देने की जितनी भी योजनाएं थी वह सिर्फ कागजों और फाइलों तक ही सीमित रह गई। सरकार रोजगार की तरफ ध्यान नहीं दे रही है, सरकार का पूरा ध्यान इस समय सिर्फ बड़े-बड़े पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को मुनाफा दिलाने की तरफ है। सरकार की यह सोच देश की अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है, इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है और देश एक बहुत बड़े आर्थिक संकट की तरफ बढ़ रहा है।  उन्होने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि प्रदेश और देश के विकास हेतु   शिक्षा  स्वास्थ्य रोजगार  की ब्यवस्था अबिलम्ब किया जाय।