जंघई।असवां गांव में बाबा मिश्रा के निवास पर पौत्र रत्न शिवांश कबिसा की प्राप्ति पर आयोजित श्री राम कथा में साध्वी अन्नपूर्णा माता ने शनिवार को केवट प्रसंग का वर्णन किया। केवट के भक्तिमय भावों के विषय में बताया कि केवट का श्री राम के चरणों में अथाह प्रेम है जिसके वशीभूत होकर प्रभु उसके नौका में बैठने गंगा तट पर आए। उन्होंने आगे बताया कि प्रभु ने स्वयं नौका में बैठने से पहले श्री जानकी जी को बिठाया। यह घटना भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा वैदिक काल से ही हमारे ऋषियों ने नारी की महिमा गाते नारी को पूजनीय कहा , सम्मानीय बताया। नारी को नारायणी की संज्ञा दी, परन्तु आज यदि भारत भूमि पर देखें तो नारी हर क्षेत्र में सम्मानित व हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। इसके साथ-साथ नारी के साथ अपराध की प्रवृति दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है । उसे मात्र भोग की वस्तु समझा जा रहा है । नारी की ऐसी दशा का कारण उसकी अज्ञानता है । इसलिए उसे भीतर से जागरूक होने की जरूरत है और यह जागरूकता नारी में तभी सम्भव है जब वह धर्म से जुड़ जाएगी। धर्म का भाव ईश्वर से जुड़ जाना है।इस अवसर पर विजय शंकर मिश्र, विनोद कुमार मिश्र, डॉ अशोक कुमार मिश्र, अनिल कुमार मिश्र, डॉ शैलेन्द्र मिश्र, गिरीजा शंकर मिश्र, विनय मिश्र, रतन मिश्र, सुरेश पांडेय, कपिल देव तिवारी, संदीप मिश्र, प्रदीप, राघवेन्द्र, वीरेंद्र, आशुतोष, अमित, अभिषेक, अनुराग, शिवेंद्र, सुमित, डॉ गौरव, अंशुमान, प्रांजल, प्रत्युष, प्रखर, यश, अभ्युदय, शिवाय, प्रज्ञान, आरव सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।