जंघई। गहरपुर, खखैचा में वेद शास्त्र आदि के प्रकांड विद्वान तथा गुरुकुल संचालक एवं संस्कृत विद्यालय में सहायक अध्यापक रूप में सेवा दे रहे आचार्य धीरज द्विवेदी याज्ञिक ने सनातन धर्म परंपरा का निर्वहन करते हुए अपने तीनों पुत्रों चि. यज्ञदत्त द्विवेदी, शिवदत्त द्विवेदी, कृष्णदत्त द्विवेदी का काशी एवं प्रयागराज के वेदज्ञ आचार्यों द्वारा पूरे विधि विधान से यज्ञोपवीत जनेऊ संस्कार कराया।इस धार्मिक कार्यक्रम के पहले श्रीरामचरितमानस का पाठ तथा कार्यक्रम के बाद कवि सम्मेलन और भंडारे का भी आयोजन हुआ।इस अवसर पर आचार्य पवन शुक्ल, आचार्य उपेंद्रनाथ तिवारी, आचार्य विकास मिश्र, आचार्य कौशल वैदिक, आचार्य साधू तिवारी, आचार्य चंद्रभूषण तिवारी, आचार्य अंकित तिवारी, अभिनव द्विवेदी, आलोक द्विवेदी, कवियत्री ऋतु पाण्डेय त्रिधा, कवि देवीप्रसाद पांडेय, कवि कमलेश पांडेय कमल, कवि निखिलेश मालवीय, कवि अमित आनंद शर्मा, इं. रजनीकांत पांडेय, सहायक समीक्षा अधिकारी हाईकोर्ट प्रयागदत्त तिवारी, भरत लाल दुबे हाइकोर्ट, एडवोकेट हौसिला प्रसाद दुबे हाइकोर्ट, राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, जगदीश शुक्ल, फूलकुमारी द्विवेदी, सुमन तिवारी, सुशीला तिवारी, कमलादेवी, ज्योति रमा द्विवेदी, रेखा द्विवेदी, विष्णुदत्त वेद, देवदत्त वैभव, कान्हा आदि सहित क्षेत्र के तमाम प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे।