जंघई।श्रीमद्भागवत कथा समापन दिवस पर कथा का रसपान पाने के लिए हरीपुर मर्रो गांव में सैकड़ों भक्त पहुंचे।कथा वाचिका सुश्री प्रज्ञा देवी श्री धाम वृंदावन ने श्रीमद्भागवत कथा के समापन दिवस पर कई कथाओं का भक्तों को श्रवण करवाया, जिसमें प्रभु श्रीकृष्ण की सोलह हजार एक सौ आठ शादियों के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथाएं सुनाई। बताया बताया कि सुदामा जी के पास कृष्ण नाम का धन था संसार की दृष्टि में गरीब तो थे, लेकिन दरिद्र नहीं थे अपने जीवन में किसी से कुछ मांगा नहीं।

पत्नी सुशीला के बार-बार कहने पर सुदामा अपने मित्र कृष्ण से मिलने गए भगवान के पास जाकर भी कुछ नहीं मांगा लेकिन भगवान अपने स्तर से सब कुछ दे देते हैं। कथा वाचिका ने क सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश किया और समाज में समानता का संदेश दिया।कथा वाचिका ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, तो वहीं इसे करवाने वाले भी पुण्य के भागी होते है।

इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीकांत तिवारी एवं धनराजी देवी, शिवदेवी रमाकांत तिवारी, शीतला प्रसाद तिवारी एवं गुलाब देवी द्वारा उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरण करवाते हुए कथा श्रवण करने आए भक्तों का स्वागत किया।कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया भजन गायिका प्रियंका दुबे, संगीतकार पवन प्रीत, विकास, योगेश द्वारा एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत करके उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


इस अवसर कुल गुरु दिलीप महाराज, मुख्य आचार्य पंडित सुरेश दुबे, आचार्य सुंधाशु शुक्ल, लालमणि तिवारी, हीरामणि तिवारी, बालकृष्ण तिवारी, अशोक तिवारी, धीरेंद्र त्रिपाठी, सौरभ तिवारी प्रधान, सुरेश तिवारी, दिनेश तिवारी, शैलेश तिवारी, सुभाष तिवारी, सुनील तिवारी, धीरेंद्र पांडेय, सुमित तिवारी, शिव कुमार तिवारी तेजस्वी, अनिल तिवारी, पंडित रमेश चंद्र पांडेय, पंडित रामसेवक, पंडित कपिल, पंडित श्रीकृष्ण, प्रियांशु पांडेय, विंदेश, अमन, गुनगुन, दीपक, अमित, दिलीप, विनीत, विमल, अनुज, विकास, वेंकटेश, कृष्णा, आरुष, हर्ष, ध्रुव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।