जंघई।चनेथू पड़ान गांव में मुख्य यजमान सरोजा देवी एवं कमलेश पांडेय के निवास पर आयोजित संगीतमय शिव महापुराण अमृत कथा में कथावाचक आचार्य सुधाकर मिश्र ने शिव विवाह प्रसंग सुनाया जिसे सुनकर उपस्थित श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए इस दौरान भक्तों ने नृत्य भी किया। महाराज ने बताया कि बताया शिवजी अजन्मे है और उनका कोई परिवार नहीं बल्कि वह स्वयं सभी के परिवार कहे जाते है। शिव बारात में ब्रह्माजी, विष्णुजी समेत सभी देवी-देवता, सुर-असुर अपने सारे झगड़े भुलाकर पहुंचे थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी प्राणियों के देवता भी हैं, इसलिए समस्त जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव जंतुओं के अलावा भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी विवाह में शिवजी की तरफ से पहुंचे। बताया कि रुद्रप्रयाग में स्थित 'त्रियुगी नारायण' एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया, तब यह ‘हिमवत की राजधानी था वहां विवाह मंडप की अग्नि आज भी वहां प्रज्ज्वलित है। मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी, और बाद में भगवान शंकर ने इसी मंदिर में माता पार्वती से विवाह किया। महाराज गणेश जन्म प्रसंग पर भी प्रकाश डाला और बताया कि भगवान शिव ने महागणपति की आराधना की थी, जिस पर भगवान गणपति ने प्रसन्न होकर उनसे वरदान मांगने को कहा, तब भगवान शंकर ने उन्हें अपने पुत्र के रूप में अवतार लेने के वर मांगा, जिसके बाद भगवान महागणपति शिव-पार्वती के पुत्र के रूप में अवतरित हुए। कथा के पश्चात आरती प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर आचार्य भानु प्रताप मिश्रा, कैलाश नाथ पांडेय, केशव प्रसाद शुक्ल, नारायण दास शुक्ल, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, मुन्ना पांडेय प्रधान, गोपीनाथ पांडेय, आशाराम पांडेय पूर्व प्रधान, आचार्य मनमोहन पांडेय, सूर्यमणि शुक्ला, कृपाशंकर पांडेय, शेषमणि पांडेय, विद्यामनि पांडेय, दरोगा पांडेय, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, सुरेश पांडेय, विनोद पांडेय, लल्लन प्रसाद पांडेय, जयशंकर शुक्ला, अच्छेलाल पांडेय, धीराधर पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय, छोटेलाल सोनी, बालकृष्ण पांडेय, सुशील उपाध्याय, पवन प्रीत, दीपक, मनीष, धीरज, महेश, रासुतोष, नीरज, विवेक, विनायक, आर्यन, अनुज पांडेय, कृष्णा पांडेय एवं रुद्र पांडेय सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।
03 Dec 2024 09:25 09pm