विगत कई वर्षों से निवासरत महिलाओं एवं बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने व अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है,, इसी संदर्भ में सेवाभावी समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अंनत कोटि-कोटि ब्रम्हांड नायक भगवान श्री कृष्ण एवं कुलदेवता व पूर्वजों की असीम कृपा से हमारी सासू मां जी स्व०श्रीमति कमला तिवारी जी  की प्रथम पुन्य तिथि पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन खिरहनी दुर्गा चौक कनक पैलेस होटल के पास स्थित तिवारी परिवार,संगीतमयी श्रीमद्भागवत पुराण का आयोजन समस्त परिजनों के सहयोग एवं सेवाभावी वरिष्ठ शिक्षक महेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में कथा व्यास पंडित श्री रमेश प्रसाद शास्त्री जी के मार्गदर्शन में दुर्गा मंदिर में विराजमान मां जगदम्बा एवं समस्त देवताओं की पूजा अर्चना कर मंत्रोच्चारण से माल्यार्पण कर भव्य आत्मीयता के साथ मिलकर भव्य कलशयात्रा निकाली गई। इस पावन पुनीत अवसर पर विशेष सराहनीय सहयोग समाजसेवी व पूर्व प्राचार्य श्री रामसेवक दुबे, श्री ओमप्रकाश तिवारी,श्री राजकुमार दुबे,श्री केशव दुबे,श्री अशोक कुमार तिवारी, कृष्ण कुमार तिवारी, संतोष पयासी, वरूण मिश्रा, पंडित अरविंद तिवारी, सुश्री अदिति तिवारी, सुश्री प्रगति दुबे, सुश्री स्मृति प्रसाद,, श्रीमती शशि तिवारी, श्रीमती माया दुबे, श्रीमती मंजू दुबे, समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी श्रीमती विद्मा तिवारी, श्रीमती अंशुल आनन्द तिवारी, श्रीमती वर्षा अमित तिवारी, श्रीमती बबली दुबे, श्रीमती भावना अजीत दुबे, श्रीमती मिंटू सुजीत दुबे,, श्रीमती निर्मला तिवारी, श्रीमती आशा तिवारी श्रीमती सावित्री तिवारी,, पाठक रामायण महिला मंडल, राहुल तिवारी, अंकित,अनुज, श्रीहरि आदित्य,अरूण तिवारी, सहित सभी क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में भव्य आत्मीय कलशयात्रा निकाली गई इस संगीतमय कथा के मुख्य वाचक व्यास परम श्रद्धेय पंडित श्री रमेश प्रसाद शास्त्री जी के मुखारविंद से संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया जायेगा ।जिसमें मुख्य कथा श्रोता श्री प्रकाश चंद तिवारी, श्रीमती अहिल्या बाई सहित सभी परिजनों एवं समस्त आस पास के क्षेत्रवासियों के बीच रसभरी कथा सुनाई जाएगी  कार्यक्रम में आप सभी सम्मानित बुद्धिजीवियों एवं प्रबुद्धजनों सहित सभी श्रृद्धालु जन सादर आमंत्रित हैं,,, आप सब इस पुनीत अवसर पर तिवारी परिवार द्वारा आयोजित रसभरी संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में आकर हमें आशीर्वाद प्रदान करें और स्वयं भी इस कथा का श्रवण सुनें और अंत में श्रीमद्भागवत कथा की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।