गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट पेश किया गया है। जिसके तहत गरीबों, किसानों और कम आय वालों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। बजट 2018 की खास बात यह है कि इस बार केंद्र की सरकार ने हेल्‍थ सेक्‍टर में कई बड़ी योजनाओं की घोषणाएं की है, जिसका लाभ देश के प्रत्‍येक नागरिक को मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य और परिवार सुरक्षा क्षेत्र के लिए 52,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में इस क्षेत्र के लिए 47,353 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। जो इस वर्ष की तुलना में 11.5 फीसदी अधिक हैं। बजट प्रारूप के अनुसार सरकार ने 'आयुष' मंत्रालय को पिछले वित्त वर्ष के 1429 करोड़ रुपये में 13 फीसदी की वृद्धि के साथ इस वित्त वर्ष में 1626 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2017 में 'राष्ट्रीय आयुष मिशन' को स्वीकृति दी थी जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार द्वारा देश में और विशेष रूप से सुदूर क्षेत्रों में आयुष स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा पहुंचाने के संयुक्त प्रयासों को सहयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं की विषमता खत्म करना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) को भी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में ज्यादा राशि मिली है। एनआरएचएम को वित्त वर्ष 2017-18 के 2,000 करोड़ रुपये में पांच फीसदी वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2018-19 में 2,100 करोड़ रुपये आवंटित हुए वहीं एनयूएचएम को वित्त वर्ष 2017-18 के 752 करोड़ में 16.35 फीसदी वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2018-19 में 875 करोड़ रुपये आवंटित हुए। मानव संसाधन को स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में वित्त वर्ष 2017-18 के 4025 करोड़ रुपये में पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2018-19 में 4225 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को पिछले वित्त वर्ष 2017-18 के 1000 करोड़ रुपये में 100 फीसदी वृद्धि के साथ वर्तमान वित्त वर्ष में 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।