जंघई।बभनियांव, भोज का पूरा गांव में मुख्य यजमान रविंद्र नाथ पांडेय एवं सुशीला पांडेय के निवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा व्यास अशोकानंद शास्त्री महाराज ने छठवें दिन श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह प्रसंग से कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि महाराज भीष्म अपनी पुत्री रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण से करना चाहते थे, परन्तु उनका पुत्र रुक्मणी राजी नहीं था वह रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था रुक्मिणी इसके लिए राजी नहीं थीं। विवाह की रस्म के अनुसार जब रुक्मिणी माता पूजन के लिए आईं तब श्रीकृष्णजी उन्हें अपने रथ में बिठा कर ले गए तत्पश्चात रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ हुआ ऐसी लीला भगवान के सिवाय दुनिया में कोई नहीं कर सकता। 

कथा व्यास ने बताया कि भागवत महापुराण में प्रत्येक पद से रस की वर्षा होती है इस शास्त्र को शुकदेव मुनि राजा परीक्षित को सुनाते हैं राजा परीक्षित इसे सुनकर मरते नहीं बल्कि अमर हो जाते हैं प्रभु की प्रत्येक लीला रास है। इस दौरान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की आकर्षक झांकी बनाई गई जिनके दर्शन करके भक्तजन भाव विभोर हो गए।इस अवसर पर आयोजकों द्वारा उपस्थित सैकड़ों लोगों को आरती प्रसाद वितरण करवाते हुए स्वागत किया गया। परिजनों में राम मनोहर पांडेय, महेंद्र नाथ पांडेय, रमाशंकर पांडेय, कृष्णानंद पांडेय, कैलाश नाथ पांडेय, अजय, अनुज, अरुण, विनय, मनीष, संदीप, राज, रोहित, रत्नेश, राहुल, विवेक, आलोक, शिवांश, आयांश, वेदांश, सुंदरलाल, उपेन्द्र, चंचल तथा कथा श्रोताओं मे महंत चंद्रमा दास महाराज, खंड विकास अधिकारी डीघ विजयनाथ द्विवेदी, एडीओ पंचायत अरुण मिश्रा, हरिशंकर तिवारी, प्रधान राणा प्रताप सिंह, रामदौर सिंह, ब्रह्मा तिवारी, भोलानाथ तिवारी, धर्मेन्द्र जायसवाल कल्लू, मुन्नु जायसवाल, अशोक जायसवाल सहित सैकड़ों कथा श्रोता मौजूद रहे।