जंघई।भण्डा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन शनिवार को सुदामा चरित्र वर्णन के साथ हुआ इस दौरान कलाकारों द्वारा सुदामा और कृष्ण कथा का मंचन किया गया। कथा व्यास संतोष जी महाराज द्वारा सुदामा चरित्र का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भाव-विभोर हो गए।कथाव्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे कहा, कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया। महाराज ने कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है।कथा यजमान राजेंद्र प्रसाद सिंह लालती सिंह, पंकज सिंह सोनी सिंह एवं मैन बहादुर सिंह द्वारा व्यास पीठ की आरती किया एवं प्रसाद वितरण करवाया।इस अवसर पर परमेंद्र बहादुर सिंह, शेर बहादुर सिंह, राम अनुग्रह, भानु प्रताप सिंह, डॉ टीएन दुबे, प्रकाशानंद, अजय पांडेय, डॉ एसके तिवारी, मुन्ना सिंह, रमेश सिंह, संतोष सिंह, दिनेश सिंह, आनंद सिंह प्रतीक सिंह मोनू, संतोष पांडेय, कुशलेष दुबे, पवन शुक्ला, दिलीप दुबे,सिंपी सिंह, गौरव राजपूत, सचिन सिंह, आकाश दुबे, अवनीश सिंह, अभय प्रताप सिंह, संदीप, पुनीत, आशीष एडवोकेट, नीलेश, अमित, रवि, अनुपम, अनुराग, अंश, किशन, लक्ष्य, शौर्य प्रताप, आदित्य सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।