प्रतापगढ़। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रतापगढ़ में तेवर में दिखे। बहुचर्चित जल निगम घोटाले में उन्होंने इससे जुड़े सभी अफसरों को निलंबित करने, रिटायर्ड अधिशासी अभियंता समेत ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज कराने और उनकी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा शासन को भेजने का फरमान सुनाया। कानून व्यवस्था पर आंकड़ेबाजी से इतर जमीनी कार्रवाई का निर्देश दिया। कहा कि डीएम-एसपी ही इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस पर उनका जोर दिया। आंकड़ेबाजी नहीं चलेगी।

प्रतापगढ़ के अपने पहले दौरे में सीएम ने सबसे पहले विकास कार्यो की समीक्षा की। अफसरों को कड़े लहजे में बता दिया कि भ्रष्टाचार और माफिया कतई बर्दाश्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था और विकास जमीन पर नजर आना चाहिए। करीब दो घंटे से अधिक समय तक विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। फिर जिला अस्पताल में मरीजों से मिले। उन्होंने अफसरों को सचेत किया कि गरीबों के इलाज में कोई कोताही न हो।

मंडी परिषद में गेहूं क्रय केंद्र का भी निरीक्षण किया। जिला मुख्यालय से पट्टी तहसील के गांव कंधई मधुपुर में चौपाल और रात्रि विश्राम के लिए जाते समय सीएम ने एक स्थान पर बनी सड़क की खोदाई करवाकर उसकी जांच भी करवाई। करीब सवा घंटे की देरी से मधुपुर गांव में पहुंचे सीएम का जोरदार स्वागत हुआ। यहां उन्होंने 90 करोड़ रुपये की लागत वाली 76 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

चार महिलाओं की गोदभराई के साथ चार बच्चों का अन्नप्राशन करवाया। उनके साथ कैबिनेट मंत्री मोती सिंह, प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह, विधायक संगमलाल गुप्ता, धीरज ओझा, आरके वर्मा और जिला व मंडल स्तरीय अधिकारी भी मौजूद थे।

तेवर में योगी

-प्रतापगढ़ के जल निगम घोटाले में इंजीनियर, ठेकेदार सब नपे - मुख्यमंत्री ने निलंबन, मुकदमा दर्ज करने और संपत्ति जब्ती का सुनाया फरमान - कंधई मधुपुर गांव में चौपाल से पहले विकास कार्यों की समीक्षा - भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस पर फोकस, अस्पताल का निरीक्षण