गोपीगंज (भदोही)। क्षेत्र के सरई पठखानी गांव में चल रहे रामलीला के मनोरम झांकी ने लोगों का मन मोह लिया है। जयश्रीराम रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित राम लखन हनुमान जी की अदभुत झांकी देख लोग भाव विह्वल हो उठे और जय श्रीराम जय श्री राम के गगनभेदी नारों से वातावरण गूंज उठा। रामलीला के सातवे दिन विभषण सरणागति अंगद-रावण संवाद का मंचन किया गया।
रामलीला कलाकारों के मंचन से दर्शक भावविभोर हो गए। रामलीला देखने के लिए देर रात तक लोगों की भीड़ जमा रही।

कार्यक्रम की शुरुआत संवाद से हुई। रावण के दरबार में शांतिदूत के रूप में पहुंचे अंगद ने राम से बैर त्याग सीता को वापस करने की सलाह दी, लेकिन रावण को सलाह समझ में नहीं आई। तब अंगद ने रावण के दरबार में अपना पैर जमा कर चुनौती देते हुए कहा कि दरबार में यदि कोई मेरा पैर हटा देगा तो श्रीराम की सेना बिना युद्ध किए खाली हाथ लौट जाएगी। पूरे दरबारी जोर लगते हैं। इसके बाद भी कोई वीर अंगद का पैर तक नहीं हिला सका। अंत में स्वयं रावण उठता है, तो अंगद अपना पैर हटाकर कहते हैं कि मेरा पैर क्यों पकड़ते हो जाकर श्रीराम का चरण पकड़ो तो कल्याण होगा। अंगद ने वापस लौटकर श्रीराम से सारा वृतांत बताया और युद्ध की दुंदुभी बज उठती है।