जंघई (प्रयागराज)।प्रतापपुर क्षेत्र के पिलखिनी गाँव मे भागवत कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए मैहर धाम से पधारी सुप्रसिद्ध कथा वाचिका माता अन्नपूर्णा ने कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए कहा भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया।परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है।अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नरसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की माता अन्नपूर्णा ने बताया कि परमपिता परमात्मा परमेश्वर कण कण में विराजमान है।कथा आयोजक यजमान प्रधानाध्यापक राजेश मिश्रा, विनोद मिश्रा लोको पायलट, नागेश मिश्रा प्रवक्ता ने सपत्नी व्यास पीठ की आरती उतारी एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रसाद वितरण कराया।इस अवसर पर कुलगुरु अखिलेश शुक्ला, इंजीनियर घनश्याम पांडेय, राजमनि दुबे, विजय शर्मा, राम भास्कर त्रिपाठी, नागेंद्र सिंह, नन्हे प्रधान, डिंपी पांडेय, हरिशंकर त्रिपाठी, केशरी प्रसाद पांडेय, राम शिरोमणि मिश्रा, उपेंद्र मिश्रा, शुभम मिश्रा, रिंकू मिश्रा, आकाश दुबे, विपुल शर्मा, विनोद मिश्रा, साकेत, विनय, विपिन, ईशू, सुमित, अभिनव, सूरज, वत्सल आदि लोग मौजूद रहे।